पाठ में वर्णित घटनाओं के आधार पर पीटी सर की चारित्रिक विशेषताओं पर प्रकाश डालिए|

पीटी सर बहुत ही अनुशासन प्रिय थे। यदि वह किसी भी बच्चे को कोई शरारत या गलती करते पकड़ लेते तो उसे दंड सहना पड़ता।

वे बहुत ही कठोर स्वभाव के थे। बाल और खाल खींचना, घुड़की और ठुड्डे मारना उनकी आदत थी।


वे स्वाभिमानी भी थे। नौकरी से निकाले जाने पर भी वे हेडमास्टर जी के सामने गिड़गिड़ाए नहीं बल्कि शांति से चले गए।


पीटी सर को अपने तोतों से काफी लगाव था। वे रोज़ उन्हें भिगोकर रखे हुए बादाम खाने के लिए देते थे।


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